भोपाल / बजट सत्र के पहले कैबिनेट में आ सकता है विधानसभा अध्यक्ष का स्वेच्छानुदान बढ़ाने का प्रस्ताव
भोपाल. विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष का स्वेच्छानुदान बढ़ाने का प्रस्ताव विधानसभा के बजट सत्र के पहले कैबिनेट में आ सकता है। इसमें विधानसभा अध्यक्ष का अनुदान एक करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव है।
प्रदेश के कैबिनेट मंत्रियों का स्वेच्छानुदान पिछले दिनों 50 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए कर दिया गया है। राज्य मंत्रियों के लिए यह राशि 35 लाख से 60 लाख रुपए की गई है। हालांकि इस समय प्रदेश में सभी 28 कैबिनेट मंत्री हैं। विधानसभा सचिवालय ने विस अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष का स्वेच्छानुदान बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था। इसमें उपाध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष की अनुदान राशि कैबिनेट मंत्रियों के बराबर 50 लाख से एक करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव है।
विधानसभा अध्यक्ष के लिए स्वेच्छानुदान राशि एक करोड़ से बढ़ाकर साढ़े तीन करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव था। वित्त विभाग ने इसमें संशोधन करते हुए साढ़े तीन करोड़ के बजाय उसे दो करोड़ रुपए कर संसदीय कार्य विभाग को भेज दिया। यह प्रस्ताव करीब एक महीने से तैयार है, लेकिन पिछली कैबिनेट बैठकों में आया नहीं। सूत्रों के अनुसार विस अध्यक्ष के स्वेच्छानुदान की राशि के कारण यह मामला अटका हुअा है। इसके संबंध में मुख्यमंत्री ही अंतिम निर्णय करेंगे कि उसमें कितनी वृद्धि की जाए। उम्मीद है कि 16 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के पहले इसे कैबिनेट की मंजूरी मिल जाएगी।
संभवत: अगली कैबिनेट बैठक में हमारे स्वेच्छानुदान के बारे में फैसला हो जाएगा। अध्यक्ष के लिए साढ़े तीन करोड़ का प्रस्ताव था, उसके बारे में भी जल्द निर्णय होगा। उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष का स्वेच्छानुदान कैबिनेट मंत्रियों के बराबर होना ही चाहिए।हिना कांवरे, विधानसभा उपाध्यक्ष
हमने कभी स्वेच्छानुदान बढ़ाने की मांग नहीं की। सरकार में तो मुख्यमंत्री व 28 मंत्री हैं, विपक्ष में तो केवल नेता प्रतिपक्ष को ही ये निधि मिलती है। मंत्रियों के स्वेच्छानुदान में बढ़ोतरी कर ही दी है। हमारे ऊपर सारे मंत्रियों के बराबर दबाव रहता है, यदि सरकार स्वेच्छानुदान बढ़ा देती है तो ठीक है।गोपाल भार्गव, नेता प्रतिपक्ष