सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद कांग्रेस की राजनीति में शून्यता आयी
 

इसे पूरा करने के लिए अशोकनगर के कांग्रेस नेता को जिला सहकारी बैंक की कमान सौंपी गयी


अशोकनगर । गुना जिले का विभाजन होने के बाद अशोकनगर नए जिले के रूप में 15 अगस्त 2003 में अस्तित्व में आया था। नया अशोकनगर जिला बनने के बाद भी इस जिले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की स्थापना नहीं की गयी है। आज भी दोनों जिलों को मिलाकर गुना मुख्यालय पर जिला सहकारी बैंक कार्यरत है। इस बैंक में अभी तक प्रशासनिक अधिकारी प्रशासक के रूप में पदस्थ होकर कार्य करते आ रहे थे। अब कांग्रेस सरकार ने जिले के कदवाया निवासी महेन्द्र शर्मा को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक का चेयरमेन नियुक्त किया है। इस आशय के आदेश सहकारिता संभाग ग्वालियर के संयुक्त आयुक्त संजय दलेला द्वारा जारी किए गए है। जिसमें उन्होंने कहा है कि आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं भोपाल के आदेश में उन्हें अशासकीय प्रशासक के रूप में नियुक्ति प्रदान की गई है। अभी वर्तमान में गुना के कलेक्टर प्रशासक के रूप में केंद्रीय बैंक का कार्य देख रहे थे। उल्लेखनीय है कि महेन्द्र शर्मा के पिता रामबली शर्मा पिछले 17 वर्षों तक लगातार इस केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष रह चुके है। उनकी नियुक्ति से पहले कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि किसी बड़े नेता की नियुक्ति इस पद पर हो सकती है। जिले में तीन कांग्रेस विधायक है किन्तु अशोकनगर और मुंगावली के विधायक सिंधिया के साथ चले गए है एकमात्र चंदेरी के विधायक गोपाल सिंह चौहान कांग्रेस के साथ है। उन्हीं के विस क्षेत्र में यह कदवाया आता है। समझा जाता है कि इस नियुक्ति में विधायक गोपाल सिंह चौहान का विशेष योगदान रहा है, लेकिन इस क्षेत्र के कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद इस जिले में कांग्रेस नेतृत्व में कमी आयी है। इस कमी को पूरा करने के लिए प्रदेश कांग्रेस की ओर से महेन्द्र शर्मा को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। यह प्रदेश सरकार की ओर से जिले में पहली नियुक्ति है। इस नियुक्ति के बाद कांग्रेसजनों में उत्साह की लहर है। समझा जा रहा था कि सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद बड़ी संख्या में कांग्रेसजन भाजपा में शामिल हो सकते हैं, लेकिन उनकी इस नियुक्ति के बाद कांग्रेस से भाजपा में जाने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं में कमी आएगी। 18 मार्च को महेन्द्र शर्मा नियुक्ति के आदेश एक दिन पहले ही मिलने के बाद कदवाया से जब अशोकनगर होते हुए गुना प्रशासक का पदभार प्राप्त करने पहुंचे तब जिलेभर में उनके प्रशंसकों ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया।


 

अशोकनगर जिले के लिए अलग से सहकारी बैंक की जरूरत


हर जिले में सहकारी बैंक रहता है लेकिन जिला बनने के बाद 17 वर्ष बाद भी अशोकनगर जिले में जिला सहकारी बैंक का गठन नहीं हो पाया है। आज भी जिला सहकारी बैंक के मामले में अशोकनगर गुना जिले से विभाजित नहीं हो पाया है। दोनों जिलों के नाम से एक ही सहकारी बैंक चल रहा है। जिले में सहकारी बैंक के गठन के संबंध में आज तक जनप्रतिनिधियों की ओर से कोई प्रयास नहीं किए गए। जबकि इन प्रयासों को किए जाने की जरूरत थी। ऐसी स्थिति में यहां से जनप्रतिनिधि चुने जरूर जाते रहे, सरकारों के वह हिस्सा भी बने लेकिन बैंक के गठन में उन्होंने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। आज इसकी महती आवश्यकता है।