विदेश से आने वाले यात्रियों की ली जा रही है जानकारी

अशोकनगर । विदेश से आने वाले तमाम यात्रियों के पतों के आधार पर संबंधित जिले के स्वास्थ्य विभाग को उसकी जानकारी दी जाती है ताकि वहां के स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनकी जांच परीक्षण किया जा सके। जिसके चलते ऐसे ही दो युवा जो मूल रूप से अशोकनगर जिले के निवासी हैं और पिछले दिनों विदेश से वापस अपने वतन में लौटे हैं। उनके पते के आधार पर उन युवकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। जिले के कोर्डिनेटर दीपक सिसौदिया ने बताया कि यह दोनों युवक मुंगावली के निवासी हैं। जिनमें एक मुंबई एयरपोर्ट से अशोकनगर पहुंचना था किन्तु वह पूना में रूक गया है। इसी प्रकार दूसरा युवक भोपाल एयरपोर्ट से इंदौर चला गया है। वहां कुछ दिन रूकने के बाद मुंगावली आया है। उन्हें अपने घर पर ही होम आईसोलेशन की सलाह दी गई है। पिछले दिनों जिले के चंदेरी में 12 पर्यटक आए थे उनका भी एक होटल में परीक्षण किया गया था जहां सबकुछ सामान्य पाया गया था। उसके बाद से चंदेरी में कोई पर्यटक नहीं पहुंचे है। किसी भी तरह से अफवाह से बचने की भी सलाह दी गई है।



स्वास्थ्य विभाग की ओर से तीन कार्यशालाएं आयोजित की गई


कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता अभियान के तहत तीन कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। यह कार्यशालाएं अलग-अलग स्तर पर आयोजित की गई थी। पहली कार्यशाला ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थ रहने वाले स्वास्थ्य अधिकारियों की थी। दूसरी बैठक जिला अस्पताल के डॉक्टरों के साथ प्रायवेट डाक्टरों को लेकर आयोजित की गयी थी और तीसरी बैठक जिले के मेडिकल दुकान संचालकों की आयोजित की गई। इन तीनों कार्यशालाओं में कोरोना वायरस को लेकर आवश्यक सावधानी बरतने में सभी के सहयोग पर चर्चा की गई। इस मौके पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. शेखावत सिंह ने कहाकि इस वायरस से निपटने की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं और प्रभावित देशों के भ्रमण से परहेज किया जाए। संक्रमण से बचने के लिए प्रभावित क्षेत्र से आने वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग कराई जाए। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण 60 वर्ष की आयु वाले व्यक्तियों को अधिक रहता है। कोरोना वायरस के संबंध में भ्रांतियों को न पालें और विशेष सर्तकता बरतते हुए इससे बचाव करें। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य अपने अपने क्षेत्रों के स्वास्थ्य वर्करों को प्रशिक्षित करना है। जिससे वे कोरोना वायरस से बचाव के संबंध में ग्रामीणों को जागरूक कर सके। प्रशिक्षण में पावर प्रेजेंटेंशन के माध्यम से जानकारी दी गई।